Prins
Tripathi
✍✍✍
*कभी कभी उदासी की*
*आग हैं जिंदगी..*
*कभी कभी खुशियों का*
*बाग हैं जिंदगी...*
*हंसता और रुलाता*
*राग हैं जिंदगी...*
*कड़वे और मीठे अनुभवों*
*का स्वाद हैं जिंदगी..*
*पर अंत मे तो*
*अपने*
*किये हुए कर्मो का*
*हिसाब है जिंदगी..!!*
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Good morning from
Prins tripathiPrinstripathi99@gmail.com
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